शहर के भीड़भाड़ में, हॉर्न की कर्कश आवाजों के बीच थक चला हूँ मैं। शहर के भीड़भाड़ में, हॉर्न की कर्कश आवाजों के बीच थक चला हूँ मैं।
आराम तू कर ले गिलहरी, सुबह काम तुझे है, बहुतेरे गिलहरी। आराम तू कर ले गिलहरी, सुबह काम तुझे है, बहुतेरे गिलहरी।
मैं नारी हूँ ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य वरदान। मैं नारी हूँ ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य वरदान।
फिर से सुनहरी धूप खिलेगी, भविष्य फिर से मुस्कुराएगा। फिर से सुनहरी धूप खिलेगी, भविष्य फिर से मुस्कुराएगा।
अब बस यही आलम है, यह पिकनिक नहीं पलायन है। अब बस यही आलम है, यह पिकनिक नहीं पलायन है।
सड़क पर खेलने, गिन्नी तुम, कभी मत जाओ।। सड़क पर खेलने, गिन्नी तुम, कभी मत जाओ।।